दरअसल ये बेहूदा ही नहीं अमानवीय और क्रूर भी है। यह असंवेदनशील मज़ाक़ आजकल की निरंतर अश्लील व संस्कारों की मज़ाक़ उड़ाती तथाकथित स्टैंड-अप प्रस्तुतियों की ही झलक भर है। ग़नीमत है कि यह घटियापन किसी पुरुष प्रस्तुतकर्ता ने नहीं किया अन्यथा सारे आयोग जाग जाते।हंसने वालों भी पर लानत👎 https://t.co/bKgtf183sO