समीक्षा और निंदा एक नहीं होते, हर तरह की कला की समीक्षा और चर्चा होनी चाहिए यह एक सामान्य बात है । संदीप जी ने जैसे मेरी समीक्षा पे मुस्कुराते हुए मेरे प्रति आदर का भाव दिखाया, ये कहा जा सकता है की वो सिर्फ़ मर्दाना फ़िल्में ही नहीं बनाते, उनके तेवर भी मर्दाना हैं, धन्यवाद सर 🙏… https://t.co/qi2hINWYcu