जो राजनीतिक आकाओं के पैसों से, एजेंडेवाली मनमानी फ़िल्में बनाकर लोगों की आस्था से खिलवाड़ कर रहे हैं, उनकी फ़िल्मों को सेंसरबोर्ड का प्रमाणपत्र देने से पहले, उनके ‘राजनीतिक-चरित्र’ का प्रमाणपत्र देखना चाहिए।
सस्ते व सतही संवाद वाले सिनेमा के जरिए मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम व उनकी कथा के विराट व प्रेरक चरित्रों को संकुचित करने का प्रयास किया जा रहा है। करोड़ों आस्थावान सनातनी आहत हैं,इस कृत्य के लिए तथाकथित सनातनी भाजपाई देश से माफी मांगे। ये काम ना करो, राम का नाम बदनाम ना करो!
— Shivpal Singh Yadav (@shivpalsinghyad) June 19, 2023